मां के पहले दूध से 3 साल की उम्र तक, बच्चे को क्या खिलाएं और क्या नहीं, जानिए यहां

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बच्चे के शरीर का सही विकास ना होना, सीखने की क्षमता में कभी, स्कूल में सही प्रदर्शन नहीं कर पाना, जल्दी वायरल की चपेट में आना और बार-बार बीमार पड़ने की वजह प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण की अनदेखी हो सकती है. जेपी अस्पताल के न्यूट्रिशियन श्रुति शर्मा का कहना है कि प्रेग्नेंसी और जन्म के बाद के पहले 1,000 दिन नवजात के शुरुआती जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है. इस दौरान की गई अनदेखी का खामियाजा बच्चें को जीवनभर भुगतना पड़ सकता है. 

प्रेग्नेंसी और जन्म के बाद पहले वर्ष का पोषण बच्चों के मस्तिष्क और शरीर के स्वस्थ विकास और प्रतिरोधकता बढ़ाने में बुनियादी भूमिका निभाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, इंसान की जिंदगीभर का स्वास्थ्य उसके पहले 1000 दिन के पोषण पर निर्भर करता है. इस अवधि में उसे मिले पोषण का संबंध उस पर मोटापा और क्रॉनिक बीमारियों से भी है. 

नवजात शिशु और बच्चे की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उसे जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलाना जरूरी है. दो साल की उम्र तक बच्चों को स्तनपान कराएं. यह नवजात शिशु को कई संक्रमणों और बीमारियों से सुरक्षित रखता है. स्तनपान कराने से नवजात शिशु के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं. इससे उनका संपूर्ण पोषण होता है जिससे बढ़ते बच्चों में मेटाबॉलिज्म की जरूरतें पूरी होती हैं.

उन्होंने कहा कि बच्चे को सही तरीके से मां का दूध पिलाने से बच्चे में मां का प्यार जन्म लेता है और बाद में उसका मानसिक-सामाजिक विकास होता है. इससे बच्चे को बेहतर मानसिक और शारीरिक विकास होता है और बच्चों की कई आम बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

6 माह से लेकर 18 साल के बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताएं बिल्कुल बदल जाती हैं. अब उसे मां के दूध के अलावा ठोस आहार भी चाहिए. बच्चे के लिए जरूरी मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स के साथ-साथ प्रोटीन्स, फैट्स, आयरन और कार्बोहाइड्रेट की आपूर्ति होना जरूरी है. 

बच्चा एक साल का होने पर वह परिवार के बाकी लोगों के साथ खाने लगता है. उन्हें मुख्य आहार के बीच ड्राई फ्रूट्स या कच्ची सब्जियां, दही और ब्रेड स्टिक खाने को दें. उम्र बढ़ने के साथ बच्चों के आहार में विभिन्न चीजें शामिल करें. ‘परिवार के साथ मिल-बैठ कर खाने’ का सिद्धांत लागू कर दें. इससे बच्चों में सही आहार चुनने की आदत पड़ेगी और वह विभिन्न प्रकार की चीजें खाएगा

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