सिविल सर्जन घूस लेते रंगे हाथ हुए गिरफ्तार।

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सिविल सर्जन को गिरफ्तार कर ले जाती हुई निगरानी विभाग की टीम

दिलशाद अहमद ( सम्पादक ,बिहार )

बिहार :- बिहार सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद रिश्वतखोरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है ।बिहार सरकार भी रिश्वतखोरी को लेकर बहुत ही सक्रिय है। बीते वर्षों में बिहार में अधिकारीयों और कर्मचारीयों को रिश्वतखोरी के जुर्म में रंगे हाथों गिरफ्तार भी किया गया।

रिश्वतखोर अधिकारियों के दलाल उनके माध्यम से जूनियर अधिकारियों और कर्मचारियों को बरगला कर।

रिश्वतखोरी की घटना को अंजाम देते हैं। रिश्वतखोरी के मामले में बहुत अधिकारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो है ही कुछ की सम्पत्ति जप्त कर ली गई है। वही आज सीतामढ़ी के सिविल सर्जन डॉ रवीन्द्र कुमार को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए, बिहार सरकार निगरानी विभाग की टीम ने सुबह में धर दबोचा।

बताया जा रहा है कि पटना निगरानी विभाग की टीम ने सिविल सर्जन को डुमरा स्थित सिविल सर्जन सीतामढ़ी स्थित सरकारी आवास में रिश्वत की राशि ले रहे थे उसी समय रंगे हाथों उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

बताया यह भी जा रहा है कि रुन्नीसैदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत डाटा आपरेटर को सिविल सर्जन ने नियम के विरुद्ध 15 दिन पूर्व रुन्नीसैदपुर से बैरगनिया में ट्रांसफर कर दिया था। ट्रांसफर के बाद डाटा आपरेटर को सिविल सर्जन से मिलने को कहा, गया। जब डाटा आपरेटर सिविल सर्जन से मिला तो सिविल सर्जन ने कहा कि रुपये खर्च करो, जिसे वापस कर देंगे। सूत्रों के मुताबिक सिविल सर्जन ने डाटा आपरेटर केशव कुमार से 60 हजार रुपये की मांग किया ।उसके बाद केशव ने निगरानी विभाग से संपर्क कर सभी बातों से अवगत कराया। जिसके बाद निगरानी विभाग की टीम ने सिविल सर्जन कार्यालय व उसके आसपास जाल बिछाया और आज शनिवार की सुबह 6:45 बजे केशव सिविल सर्जन के बुलावा पर मांगी गई रिश्वत की राशि लेकर पहुंचा। केशव ने सिविल सर्जन को जैसे ही रुपया दिया कि पहले से जाल बिछाये बैठे निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत की राशि के साथ सिविल सर्जन को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

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