JNU NEWS: सवालों के घेरे में पुलिस, 20 घंटे बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं

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Navjiwan, JNU : जेएनयू हिंसा मामले में सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में दिल्ली पुलिस है। इस घटना के 20 घंटे बीत जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस के हाथ खाली है।

सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों? ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि सोशल मीडिया लगातार हमले के वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया पर चैट के स्क्रीनशॉर्ट शेयर हो रहे हैं। जिसमें हमले और हिंसा को उकसाने वाले मैसेज भी हैं।

लेकिन इसके बावजूद दिल्ली पुलिस ने अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर किसी को हिरासत में भी नहीं लिया है।

जेएनयू में हिंसा के बाद पुलिस ने बताया कि जेएनयू से शाम 4 बजे से ही पीसीआर कॉल्स आनी शुरू हो गई थीं। पुलिस को 90 से ज्यादा पीसीआर कॉल्स की गईं। ऐसा है तो मामला और भी गंभीर है कि खबर होने के बाद भी पुलिस हिंसा क्यों नहीं रोक पायी।

जेएनयू छात्रों का आरोप है कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस पहले एक्शन में आ जाती घटना को कंट्रोल किया जा सकता था। ऐसे में दिल्ली पुलिस पर सवाल उठ रही है कि घटना होने के काफी देर बाद पुलिस एक्शन में क्यों आई।

वहीं दिल्ली पुलिस पर एक और सवाल उठे रहे हैं। खबरों के मुताबिक, जेएनयू में हिंसा के दौरान स्ट्रीटलाइटें बंद कर दी गई थीं। बताया जा रहा है कि कॉलेज परिसर लेकर सड़कों तक स्ट्रीट लाइटें बंद हो गई थी। इस दौरान हिंसा करने वाले उपद्रवी बिना रोक टोक छात्रों पर हमला करते रहे और बड़े आरम से निकल भी गए।

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यह पहला मौका नहीं है, नवंबर, 2019 में फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जेएनयू के विद्यार्थियों के खिलाफ पुलिस द्वारा किए गए कथित लाठीचार्ज के दौरान भी दक्षिणी दिल्ली में लाइटें बंद कर दी गई थीं।

हालांकि जेएनयू में रविवार को छात्रों पर हुए मामले में दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। जेएनयू हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपे जाने के तुरंत बाद एजेंसी एक्शन में आ गयी है। खबरों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की जांच टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया है जो तीनों अलग अलग तरीके मामले की जांच करेंगे।

एक जांच यूनिट कैंपस में मौजूद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इक्कठा करेगी। दूसरी यूनिट पहचाने गए आरोपियों की धरपकड़ करेगी। तीसरी यूनिट वायरल वीडियो और व्हाट्सएप ग्रुप में हिंसा के दौरान छात्रों को उकसाने और इकट्ठा होने की बात कर रहे आरोपियों को चिन्हित करेगी।

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