नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने पूर्व सहयोगी अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी और जीएसटी पर उनके भाषण का उद्धरण दिया, यह एक ऐसा भारत होगा जहां केंद्र और राज्य मिलकर सद्भाव की दिशा में एक साथ काम करेंगे और कहा कि सरकार ने 2006 से 2016 के बीच 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।

सीतारमण ने बजट 2020-21 भाषण के शुरुआत में में जेटली को याद किया और कहा, इसके मुख्य वास्तुकार आज हमारे बीच नहीं हैं। मैं दिवंगत नेता अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

उन्होंने कहा, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) देश में सबसे ज्यादा ऐतिहासिक है।

जेटली का हवाला देते हुए वित्तमंत्री (Finance Minister) ने कहा, जीएसटी के लागू होने के समय उन्होंने कहा था कि भारत एक ऐसा भारत होगा, जहां केंद्र और राज्य सौहार्द्र से काम करेंगे.. देश की खातिर संकीर्ण राजनीति से बाहर निकलेंगे और जीएसटी से न तो राज्य और न ही केंद्र अपनी संप्रभुता खोएंगे।

सीतारमण ने कहा, इस विजन को सच साबित करते हुए जीएसटी धीरे-धीरे देश को एकीकृत करने वाले कर के रूप में मजबूत हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप लॉजिस्टिक्स व परिवहन क्षेत्र में पर्याप्त लाभ हो रहा है। इससे एमएसएमई को महत्वपूर्ण लाभ हुआ है।

सरकार के कार्यो को उजागर करते हुए मंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के आदर्श वाक्य के साथ गरीबों व वंचितों के लिए नए कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया गया है।

उन्होंने कहा, हम हर नागरिक के जीवन को आसान बनाने का प्रयास करेंगे। 2006-16 के बीच भारत 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सक्षम हुआ है। मोदी सरकार के तहत हासिल उपलब्धि अभूतपूर्व है और इसे वैश्विक मान्यता है।

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