अंग्रेजों को देश से बाहर करने वाली कांग्रेस अब देगी मोदी सरकार को भी शिकस्त: शर्मा

अंग्रेजों को देश से बाहर करने वाली कांग्रेस अब देगी मोदी सरकार को भी शिकस्त: शर्मा

नयी दिल्ली।  राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को बुधवार को चेतावनी दी कि देश ने उसके निजाम को स्वीकार नहीं किया है और ‘सात समन्दर पार राज करने वाली सत्ता’ को देश से बाहर करने वाली कांग्रेस जल्द ही उसे भी शिकस्त देगी।

वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र दुबे द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर आधारित पुस्तक ‘जैसे सांस देश की’ के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि इस समय देश में एक बड़ा वैचारिक टकराव चल रहा है। प्रजातंत्र में अलग-अलग विचारों का सम्मान होता है। अगर एक ही विचारधारा हो तो वह लोकतंत्र नहीं रहता है। आजादी के संघर्ष के बाद आज़ाद भारत में हमने प्रजातंत्र को स्वीकार किया था। पर आज देश में वैचारिक मतभिन्नता पर प्रहार हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शासन की शक्ति का दुरुपयोग करके देश के बुनियादी उसूलों को ही बदलने की कोशिश हो रही है। पर संविधान की बुनियाद पर चोट हो तो हम चुप नहीं रहेंगे। तकनीक के दुरुपयोग से अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचला जा रहा है जो सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है। वैचारिक विरोध का आदर है लेकिन गाली देना, नफरत फैलाना स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने मीडिया खासकर टेलीविजन चैनलों की भूमिका पर सवाल उठाये और कहा कि अखबारों से ही सही खबर मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व की सोच हमारी समावेशी संस्कृति की सोच से सीधा टकराती है। यह दुख की बात है कि साधन एवं तकनीक संपन्न लोगों ने देश की जरूरत नहीं समझी और वे उसी सोच के पिछलग्गू बन गये।

शर्मा ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें गलतफहमी है कि देश ने स्वीकार कर लिया है कि यही निजाम चलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सात समन्दर पर राज करने वाले दुनिया के सबसे ताकतवर निजाम को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तो उसकी चुनौती क्या है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को चुनौती भी मिलेगी, मुकाबला भी होगा और उन्हें शिकस्त भी मिलेगी।

जाने माने विचारक पुरुषाेत्तम अग्रवाल ने कहा कि देश में पंडित जवाहरलाल नेहरू के विरुद्ध घृणा फैलाने का मूल कारण अज्ञानी विपक्ष की कुंठा है। पं. नेहरू ने सिखाया है कि संस्कृति में बद्ध होना मूर्ख होना नहीं है। उन्होंने श्री राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजनीति में विनम्रता, सज्जनता, स्पष्टता का होना अगर पप्पू होना है तो देश को लाख दो लाख पप्पुओं की जरूरत है।

पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त असगर वजाहत ने कहा कि राजनीतिक आराेपों प्रत्यारोपों के कोई समस्या नहीं है लेकिन जब मानवीय उसूलों पर हमले होंगे तो तकलीफ होगी। उन्होंने राजनीतिक आंदोलन के पहले सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलन की जरूरत पर बल दिया। लेखक श्री दुबे ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक को इसलिए लिखा ताकि विपक्ष को दर्शन एवं सिद्धांत के आधार पर बौद्धिक मजबूती मिल सके।  राष्ट्रवादी कांग्रेस के महासचिव डी पी त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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